गुरुवार, 7 जनवरी 2010

वक़्त वक़्त की बात


तरकस के तीर को छलनी होने वाले के दिल का पता नहीं होता ,
हर किसी को मयस्सर मुक्कमल नसीब नहीं होता।
जिसके सर पर छत हो छेद वाली,
उस पर इन्द्र राज का रहम नहीं होता।
बेरहम बेदर्द इस दुनिया में ,
सब वक़्त की वक़्त की बात है वर्ना,
न किसी के आप होते हैं और कोई आपका नहीं होता।

3 टिप्‍पणियां:

  1. सब वक़्त की वक़्त की बात है वर्ना,
    न किसी के आप होते हैं और कोई आपका नहीं होता।
    वाह लाजवाब तस्वीर बहुत सुन्दर है शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  2. वर्ना,
    न किसी के आप होते हैं और कोई आपका नहीं होता।

    -यही होता है!!

    जवाब देंहटाएं